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बातें किताबें: “अरु ज़िन्दगी” मैंने सोचा था,तुम मुझे मुड़कर एक बार तो देखोगी….

अरविंद जी की कविताएं एक तरह का कम्युनिकेशन है वो कम्युनिकेशन जो हम अपने अपनो से कई बार करते तो हैं लेकिन सिर्फ एहसासों में लफ़्ज़ों में नहीं.