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सफ़दर हाशमी : जब शोषितों के लिए उठने वाली आवाज़ को हमेशा के लिए खामोश कर दिया गया

हम बात कर रहे हैं उसकी जो एक रंगकर्मी था, कलाविद था, एक सामाजिक कार्यकर्त्ता था, आवाज़ था शोषितों और आम लोगों की, उसकी जो सफ़दर हाशमी था.